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Jan 10 2024, 14:13

पाकिस्तान की जेल में बंद है हाफिज सईद, काट रहा है 78 साल की सजा, यूएन ने दी जानकारी

#terroristhafizsaeedinpakistanserving78yearjail

मुंबई आतंकवादी हमले का सरगना और प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा का प्रमुख हाफिज सईद पाकिस्तान सरकार की हिरासत में है। वो आतंकवाद के सात मामलों में दोषी करार दिए जाने के बाद 78 वर्ष के कारावास की सजा काट रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने अपनी नई सूचना में इस बात की जानकारी दी है।बीते साल दिसंबर में भारत ने पाकिस्तान से मांग की थी कि वह यूएन में नामित आतंकी सईद को उसे सौंप दे। भारतीय अफसरों ने इसके लिए सईद के मुंबई हमलों समेत आतंकवाद से जुड़े कई मामलों में उसके भारत में वांछित होने का हवाला दिया था। हालांकि सईद को देने से पाकिस्तान ने साफ इनकार कर दिया है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति (सैंक्शन कमेटी) की संशोधित सूचना में कहा गया है कि सुरक्षा परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति द्वारा दिसंबर 2008 में वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया सईद 12 फरवरी 2020 से पाकिस्तान सरकार की हिरासत में है। वह आतंकवाद से जुड़े सात मामलों में दोषी करार दिए जाने के बाद 78 वर्ष के कारावास की सजा काट रहा है। 

आतंकी हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी की मौत की पुष्टि

सुरक्षा परिषद समिति ने पिछले महीने अपनी आईएसआईएल (दाएश) और अल-कायदा प्रतिबंध सूची में आतंकवादियों और समूहों की संपत्ति फ्रीज करने, यात्रा प्रतिबंध और हथियार प्रतिबंध के अधीन कुछ प्रविष्टियों में संशोधन किया गया। दिसंबर में किए गए इन बदलावों के तहत कमेटी ने कहा है कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक सदस्य और सईद के खास हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी की मौत की पुष्टि हो चुकी है। भुट्टवी ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के लिए लश्कर हमलावरों को प्रशिक्षित किया था। उसने कम से कम दो मौकों पर आतंकवादी संगठन के प्रमुख के रूप में काम किया था। यूएन में नामित आतंकी भुट्टवी की पाकिस्तान के पंजाब की जेल में बीते साल मई में मौत हो गई थी। आतंक के वित्तपोषण के लिए भुट्टी को सजा हुई थी, जिसके बाद वह जेल में बंद था।

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Jan 10 2024, 13:42

दृष्टि' से बचना नामुमकिन है, नौसेना प्रमुख ने लॉन्च किया स्वदेशी ड्रोन, जानें क्या है खासियत

#indiannavylaunchesindigenousdrishti10starliner

भारत की 'दृष्टि' से बचना अब नामुमकिन है। देश पर “कुदृष्टि” रखने वालों की अब खैर नहीं है। देश के दुश्मनों पर हर मौसम में होगी निगेहबानी। भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ना आ गया है पहला स्वेदशी ड्रोन। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार आज नौसेना के लिए पहले स्वदेश निर्मित दृष्टि 10 ‘स्टारलाइनर’ मानव रहित ड्रोन को नेवी में शामिल किया। बुधवार को हैदराबाद में फ्लैगऑफ कार्यक्रम में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने ड्रोन का अनावरण किया।

अडाणी ग्रुप की कंपनी ने भारतीय नौसेना के लिए ड्रोन स्वदेशी ड्रोन बनाया है। इस स्वदेशी ड्रोन का नाम दृष्टि-10 रखा गया है। ये स्टारलाइनर ड्रोन है। इस स्वदेशी ड्रोन के शामिल होने के बाद भारतीय नौसेना का ताकत और ज्यादा बढ़ गई है। स्वदेशी तकनीक पर आधारित ये ड्रोन काफी एडवांस है। यह एक स्वदेशी अनमैन्ड एरियल व्हीकल (UAV) है जिसे अडाणी डिफेंस और एयरोस्पेस ने कंपनी के हैदराबाद स्थित एयरोस्पेस पार्क में बनाया है। कंपनी का कहना है कि यह ड्रोन हैदराबाद से गुजरात के पोरबंदर के लिए उड़ान भरेगा. वहां इसकी तैनाती नौसेना के ऑपरेशंस के लिए की जाएगी।

सभी मौसमों में उड़ान भरने में सक्षम

दृष्टि 10 स्टारलाइनर एक एडवांस्ड इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रीकॉन्सेंस (ISR) प्लेटफॉर्म है. यह 36 घंटे की एंडुरेंस क्षमता रखता है और 450 किलोग्राम वजन को ढो सकता है। हर मौसम और स्थिति में उड़ान भरना इसकी सबसे बड़ी खूबी है। नौसेना के बेड़े में इसके शामिल होने के बाद भारतीय नौसेना की ताकत पहले से और कहीं ज्यादा बढ़ जाएगी।

समुद्री निगरानी में मदद करेगा ड्रोन*

हैदराबाद में फ्लैगऑफ कार्यक्रम में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने भारतीय नौसेना की जरूरतों के साथ अपने रोडमैप को बताया। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए अडाणी ग्रुप की सराहना की। नौसेना प्रमुख ने कहा, 'यह ISR टेक्नॉलजी और समुद्री वर्चस्व में आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। अडाणी ग्रुप ने न केवल मैन्युफेक्चरिंग में बल्कि ड्रोन के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल में भी मदद की है। हमारे नौसैनिक अभियानों में दृष्टि-10 का एकीकरण हमारी क्षमताओं को बढ़ाएगा, समुद्री निगरानी में ये ड्रोन हमारी मदद करेगा।'

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Jan 10 2024, 12:11

चीन से पहले भारत आना चाहते थे मालदीव के राष्ट्रपति, जानें क्यों टला दौरा

#maldives_mohammad_muizzu_wanted_come_to_india

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ मालदीव के मंत्रियों की अपमानजनक टिप्पणियों पर राजनयिक विवाद पैदा हो गया है। इसके बाद बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटकों ने मालदीव की अपनी बुकिंग रद्द कर दी है। भारत के साथ टकराव के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन यात्रा पर हैं।इस बीच खबर आ रही है कि मोहम्मद मोइज्जू के राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद मालदीव सरकार ने पिछले साल उनके भारत दौरे का प्रस्ताव दिया। हालांकि, कई वजहों से चलते राष्ट्रपति मोइज्जू का भारत दौरा तय नहीं हो पाया।जिसके बाद उन्होंने अपनी पहली विदेश यात्रा बतौर राष्ट्रपति तुर्किये से शुरु की थी। वर्तमान में मुइज्जू चीन की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पदभार संभालने के तुंरत बाद भारत का दौरा करना चाहते थे, लेकिन तारीखों पर सहमति के चलते ऐसा न हो सका। माना जा रहा है कि द्विपक्षीय रिश्तों का खराब होना भी उन वजहों में से एक रहा।हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और मालदीव के रिश्ते पिछले हफ्ते और भी ज्यादा खराब हो गए, जब मोइज्जू सरकार के कुछ मंत्रियों ने भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की। आपत्तिजनक बयानबाजी के बाद मालदीव सरकार ने तुरंत अपने तीन डिप्टी मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया।

भारत के साथ टकराव के बीच चीन पहुंच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने डिमांड करते हुए कहा कि चीन को उनके देश में और अधिक पर्यटकों को भेजना चाहिए। मुइज्जू की आधिकारिक वेबसाइट पर साझा किए गए एक बयान के अनुसार, ''कोविड से पहले चीन के पर्यटक सबसे अधिक संख्या में हमारे देश में आते थे, और मेरा अनुरोध है कि चीन इस स्थिति को फिर से हासिल करने के लिए प्रयास तेज करे।'' वहीं, मालदीव की मीडिया की रिपोर्ट में बताया गया कि दोनों देशों ने हिंद महासागर द्वीप में एक एकीकृत पर्यटन क्षेत्र विकसित करने के लिए पांच करोड़ अमेरिकी डॉलर की परियोजना पर हस्ताक्षर किए हैं।

चीन की अपनी पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा के दूसरे दिन मुइज्जू ने मंगलवार को फुजियान प्रांत में मालदीव बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए चीन को द्वीपीय राष्ट्र का निकटतम सहयोगी बताया। मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा, ''चीन हमारे सबसे करीबी सहयोगियों और विकास साझेदारों में से एक है।अपने संबोधन के दौरान उन्होंने 2014 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) परियोजनाओं की प्रशंसा की और कहा कि "उन्होंने (जिनपिंग) मालदीव के इतिहास में देखी गई सबसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाएं प्रदान की हैं।

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Jan 10 2024, 11:11

सऊदी में स्मृति ईरानी ने रचा इतिहास, पहली बार मदीना शहर में पहुंचा कोई गैर मुस्लिम, भड़के मुस्लिम कट्टरपंथियों ने सऊदी प्रिंस की लगाई क्लास*

#muslim_fundamentalists_angry_on_smriti_irani_visiting_holy_city_of_medina

सऊदी अरब के दौरे पर पहुंची भारत की केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने इतिहास रच दिया है। स्मृति इरानी ने मुस्लिमों के लिए सबसे पवित्र शहरों में शुमार मदीना का दौरा किया है।ऐसा पहली बार है जब मदीना शहर में कोई गैर मुस्लिम भारतीय प्रतिनिधिमंडल पहुंचा है।हालांकि, ईरानी की इस यात्रा को अनुमति देने पर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने सऊदी अरब की आलोचना की है। कट्टरपंथियों का कहना है कि सऊदी अरब को एक गैर मुस्लिम महिला को मदीना की यात्रा करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।

भारत की महिला और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा पर हैं।यहां पर उन्होंने हज यात्रियों को सेवा प्रदान करने वाले भारतीय स्वयंसेवकों से मुलाकात की और भारत के उमरा तीर्थयात्रियों के साथ बातचीत की। माना जा रहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब मदीना शहर में एक गैर मुस्लिम भारतीय प्रतिनिधिमंडल पहुंचा है। प्रतिनिधिमंडल में एक कश्मीरी हिंदू आईआरएस अधिकारी भी शामिल थे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने सोमवार को विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मदीना की यात्रा की। इस दौरान स्मृति ईरानी ने हिजाब नहीं पहना था।

स्मृति ईरानी ने खुद अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्वमें ट्विटर) पर मदीना की तस्वीरें साझा की हैं।स्मृति ईरानी ने अपनी मदीना यात्रा को लेकर एक्स पर लिखा कि आज मदीना की ऐतिहासिक यात्रा की, इस्लाम के सबसे पवित्र शहरों में से एक में पैगंबर की मस्जिद अल मस्जिद अल नबवी, उहुद के पहाड़ और क्यूबा मस्जिद - इस्लाम की पहली मस्जिद की परिधि की यात्रा शामिल है। उनकी इस पोस्ट को देख मुस्लिम कट्टरपंथी आग बबूला हो गए। जिसके बाद उन्होंने सऊदी प्रिंस को कोसना शुरू किया।

ईरानी के इस दौरे पर कट्टरपंथियों ने अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की है। भारतीय केंद्रीय मंत्री के दौरे के आलोचना करने वालों का कहना है कि सऊदी अरब को एक गैर मुस्लिम महिला को मदीना की यात्रा करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। इसके लिए सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद को भी जमकर कोस रहे हैं।

मुस्लिम धर्म को मानने वाले करोड़ों लोगों की आस्था के केंद्र के रूप में दो सबसे पवित्र शहरों में मदीना शहर एक है। मदीना शहर सऊदी अरब के हेजाज इलाके में शामिल है। मदीना वह शहर है जहां पर पैगंबर मोहम्‍मद प्रवास किए थे। यही से इस्‍लामिक कैलेंडर की शुरुआत मानी जाती है।

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Jan 10 2024, 10:08

एकनाथ शिंदे की कुर्सी बचेगी या जाएगी? सीएम समेत 16 विधायकों पर लटकी तलवार, अयोग्यता मामले में फैसला आज

#maharashtrapoliticsshivsenamladisqualificationcase

महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मची हुई है। एक तरफ इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग पर तकरार है तो वहीं दूसरी तरफ शिंदे दल के 16 विधायकों पर अयोग्यता का खतरा मंडरा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर आज सीएम एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के 16 विधायकों के खिलाफ दल बदल कानून के तहत अयोग्यता पर अपना फैसला सुनाएंगे। बता दें, सर्वोच्च अदालत ने 10 जनवरी तक फैसला सुनाने का निर्देश दिया था।

महाराष्ट्र की राजनीति के लिए आज यानी बुधवार का दिन बेहद अहम है। महाराष्ट्र सरकार के 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला आना है। शिवसेना विधायकों की अयोग्यता के मामले में फैसला आने से पहले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि सरकार हमारी ही रहेगी।

उद्ध‌व गुट पहले ही सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

इस बीच इस मामले को लेकर शिवसेना का उद्ध‌व गुट पहले ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। उद्धव गुट ने फैसला सुनाने के लिए निर्धारित 10 जनवरी की समय सीमा से महज तीन दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष और सीएम शिंदे के बीच मुलाकात की निंदा की है और इसको सुप्रीम कोर्ट के ध्यान में लाने के लिए प्रतिज्ञा पत्र दाखिल किया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिसंबर 2023 को अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करने की समय सीमा 31 दिसंबर से बढ़ाकर 10 जनवरी कर दी थी।

कौन हैं वो 16 विधायक?

जिन 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला आना है, उनमें एकनाथ शिंदे, महेश शिंदे, अब्दुल सत्तार, गोगावाले, संजय शिरसातो, यामिनी जाधव, अनिल बाबरी, तानाजी सावंत, लता सोनवणे, प्रकाश सर्वे, बालाजी किनीकारो, संदीपन भुमरे, बालाजी कल्याणकारी, रमेश बोनारे, चिमनराव पाटिल, संजय रायमुनकरी शामिल हैं।

बता दें कि जून 2022 में एकनाथ शिंदे समेत कई विधायक बागी हो गए थे। इसके बाद शिवसेना दो फाड़ हो गई थी और उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महा विकास अघाड़ी की सरकार गिर गई थी, जिसमें कांग्रेस और एनसीपी शामिल थे। विद्रोह के बाद जून 2022 में शिंदे बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे।

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Jan 09 2024, 20:13

इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी किया मालदीव का बायकॉट, टूर ऑपरेटरों को दी प्रमोट ना करने की नसीहत, एयरलाइंस को ऑपरेशन संस्पेंड करने की सलाह

#indian_chamber_of_commerce_appeals_to_boycott_maldives 

भारत-मालदीव के बीच राजनयिक विवाद जारी है। मालदीप के तीन उप मंत्रियों की पीएम मोदी के खिलाफ दिए गए अपमानजनक बयान के बाद दोनों देशों के रिश्ते तल्ख हो गए हैं। भारत के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद देश भर के लोगों का गुस्सा साफ दिख रहा है। लोगों ने मालदीव का बायकॉट शुरू कर दिया है।पीएम मोदी विरोधी पोस्ट को लेकर विवाद के बीच इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने टूरिज्म ट्रेड एसोसिएशनों ने फौरन मालद्वीप के टूर को प्रमोट करने पर रोक लगाने की अपील की है। चैंबर ने मालद्वीप ऑपरेट करने वाली सभी एयरलाइंस से अपने ऑपरेशन को संस्पेंड कर उड़ान स्कीम के लक्षद्वीप के लिए उड़ानें शुरू करने का आह्वान किया है।

इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के एविएशन और टूरिज्म कमिटी के चेयरमैन सुभाष गोयल ने इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (IATO), ट्रैवल एसेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (TAAI), ट्रैवल एसेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (TAFI), एडवेंचर टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ATOAI), एसोसिएशन ऑफ डोमेस्टिक टूर ऑपरेटर्स (ADTOI) और माइस एजेंट्स (Mice Agents) को मालद्वीप के मंत्रियों के भारत विरोधी बयान को ध्यान रखते हुए मालद्वीप के टूर को प्रोमोट ना करने की अपील की है। 

सुभाष गोयल ने सभी ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन से लोगों को टूर के इनक्वाइरी को लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार द्वीप की ओर डायवर्ट करने करने की अपील की है। उन्होंने कहा ये द्वीप कई मायनों में मालद्वीप से बेहतर हैं। उन्होंने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में श्रीलंका, मारीशस, बाली और फुकेट को मालद्वीप की जगह प्रोमोट किया जाना चाहिए।उन्होंने एयरलाइंस कंपनियों से मालद्वीप के ऑपरेशन को सस्पेंड करने के साथ लक्षद्वीप में ऑपरेट करने नसीहत दी है।

इससे पहले EaseMyTrip के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) निशांत पिट्टी ने मालदीव के मंत्रियों द्वारा भारत और प्रधानमंत्री के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों के बाद सभी मालदीव उड़ान बुकिंग को निलंबित करने की घोषणा की है। भारत के समर्थन में खड़े होकर, निशांत पिट्टी ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा, राष्ट्र के साथ एकजुटता दिखाते हुए, ने मालदीव की सभी उड़ान बुकिंग कैंसिल कर दी हैं। ऑनलाइन ट्रेवल कंपनी EaseMyTrip ने द्वारा लक्षद्वीप यात्रा अभियान शुरू किया।

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Jan 09 2024, 19:22

भारत में मिला तेल का नया भंडार मिला, पेट्रोलियम मंत्री ने बताया पहली बार कहां निकला क्रूड ऑयल

#crude_oil_in_india_hardeep_singh_puri_announces

भारत में कच्चे तेल के भंडार का पता चला है। ओएनजीसी ने कृष्णा गोदावरी बेसिन में कच्चे तेल के खोज की घोषणा की है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने जानकारी देते हुए बताया कि कृष्णा गोदावरी बेसिन में काकीनाडा के तट से 30 किलोमीटर दूर, पहली बार तेल निकाला गया। साल 2016-17 में शुरू हुई इस पर‍ियोजना से पहली बार 7 जनवरी को तेल न‍िकाला गया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वहां 26 कुओं में से 4 कुएं पहले से ही चालू हैं। उन्होंने कहा, “हमारे पास न केवल बहुत कम समय में गैस होगी। इसके अलावे मई और जून तक, हम प्रति दिन 45,000 बैरल का उत्पादन करने में सक्षम होने की उम्मीद करते हैं। यह उत्पादन हमारे देश के कुल कच्चे तेल के उत्पादन का 7 प्रतिशत और हमारे गैस उत्पादन का 7 प्रतिशत होगा।

ओएनजीसी ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि कंपनी ने 7 जनवरी 2024 को कृष्णा गोदावरी डीप-वाटर ब्लॉक 98/2 (बंगाल की खाड़ी में) से पहली बार एफपीएसओ के लिए तेल निकालता शुरू किया जो परियोजना के चरण-2 के पूरा होने के करीब है। तेल और गैस उत्पादन के लिए चरण-3 पहले से ही चल रहा है और जून 2024 में इसके समाप्त होने की संभावना है। 98/2 परियोजना से ओएनजीसी के कुल तेल और गैस उत्पादन में क्रमशः 11 प्रतिशत और 15 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।

आपको बता दें भारत दुन‍िया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। भारत अपनी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए वैश्‍व‍िक बाजार के व‍िभ‍िन्‍न स्रोत से आयातित कच्चे तेल पर निर्भर है।

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Jan 09 2024, 18:36

फ्रांस को मिला सबसे युवा और पहला गे प्रधानमंत्री, 34 वर्षीय गैब्रियल अटल बने पीएम

.#gabriel_attal_france_youngest_pm

गेब्रियल अटल फ्रांस के सबसे युवा प्रधानमंत्री बन गए हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने मंगलवार को गेब्रियल अटल को देश का नया प्रधान मंत्री नामित किया। 34 वर्ष की आयु के गेब्रियल अटल फ्रांस के सबसे युवा और पहले समलैंगिक प्रधानमंत्री हैं। गेब्रियल अटल खुले तौर पर खुद को गे बता चुके हैं। इससे पहले अटल ने शिक्षा मंत्री के रूप में सेवाएं दी हैं। प्रधानमंत्री के रूप में गैब्रियल की ये नियुक्ति तब हुई है जब इस साल के आखिर में होने वाले यूरोपीय संघ के चुनाव से पहले मैक्रों अपनी टीम में बड़े बदलाव की तैयारी कर रहे हैं।

गैब्रियल अटल ने अपने से लगभग दोगुनी उम्र की प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न की जगह ली है। उनके इस्तीफे के बाद से ही अटल की तासपोशी लगभग तय मानी जा रही थी। एलिजाबेथ बोर्न के इस्तीफे की वजह नए इमिग्रेशन कानून को लेकर बढ़ रहे राजनीतिक तनाव को माना जा रहा है। राष्ट्रपति मैक्रों ने इस कानून का समर्थन किया था। बताया जा रहा है कि सोमवार को राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया था और मंगलवार को नए पीएम के नाम का एलान कर दिया। 62 वर्षीय एलिजाबेथ बोर्न को मई 2022 में देश का पीएम नियुक्त किया गया था। वो लगभग दो साल तक इस पद पर थीं। इस पद पर पहुंचने वाली वो फ्रांस की दूसरी महिला प्रधानमंत्री थीं।

फ्रांस में यह फेरबदल ऐसे समय में हुआ है, जब राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों साल के अंत में होने वाले यूरोपीय चुनावों से पहले अपनी शीर्ष टीम में फेरबदल करने की तैयारी कर रहे हैं। जनमत सर्वेक्षणों से पता चलता है कि मैक्रों का खेमा धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन की पार्टी से लगभग आठ से दस प्रतिशत अंकों से पीछे चल रहे हैं।

गेब्रियल अटल की गिनती मैक्रों के करीबी सहयोगियों में होती है। गेब्रियल अटल ने कोविड महामारी के दौरान सरकार के प्रवक्ता के रूप में उभरे थे जिसके बाद उन्हें शिक्षा मंत्री बनाया दिया गया था। हाल के जनमत सर्वेक्षणों में देश के सबसे लोकप्रिय राजनेताओं में से एक, अटल ने रेडियो शो और संसद में सहजता से काम करने वाले एक समझदार मंत्री के रूप में अपनी पहचान बनाई है।ऐसे में अटल को प्रधानमंत्री बनाए जाने को लेकर कहा जा रहा है कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति यूरोपीय संसद चुनावों से पहले अपने दूसरे जनादेश में नई जान फूंकना चाहते हैं। मैक्रों अब अटल के साथ मिलकर सरकार में नई जान डाल सकते हैं।

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Jan 09 2024, 17:34

मालदीव मुद्दे पर बंटा “इंडिया”, खड़गे ने कहा-हर बात व्यक्तिगत तौर पर लेते हैं पीएम, पवार बोले-पीएम के खिलाफ अपमानजनक बातें स्वीकार नहीं

#mallikarjunkhargeandsharadpawaronmaldives_dispute

पिछले तीन दिन से देश में मालदीव के साथ तनाव की बातें सुर्खियों में बनी हुई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के दौरान तस्वीरें जारी होने के बाद मालदीव के कुछ मंत्रियों ने प्रधानमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कर दी थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव के हालात हैं। इस बीच लोग प्रधानमंत्री मोदी और अपने देश के समर्थन में उतर आए हैं। खेल जगत से लेकर फिल्मों से जुड़ी हस्तियां पीएम मोदी के समर्थन में नजर आ रहे हैं। हालांकि, मालदीव-भारत के बीच डिप्लोमेटिक टेंशन के मुद्दे पर इंडिया गुट के नेता एकमत नहीं हैं। महाराष्ट्र की राजनीति के पितामह कहे जाने वाले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी के समर्थन में नारा बुलंद किया। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि पीएम मोदी हर बात को पर्सनल ले लेते हैं।

खरगे ने पीएम मोदी पर कसा तंज

मालदीव के साथ राजनयिक विवाद के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही पीएम मोदी सब कुछ व्यक्तिगत रूप से ले रहे हैं। पत्रकारों से बातचीत के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ मधुर रिश्ते होने चाहिए। हमें वक्त के मुताबिक काम करना होगा, क्योंकि हम अपने पड़ोसियों को नहीं बदल सकते हैं। पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वो हर चीज को निजी तौर पर ले लेते हैं।

शरद पवार ने क्या कहा?

वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे की राय से एनसीपी प्रमुख शरद पवार इत्तेफाक नहीं रखते। शरद पवार ने मालदीव विवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में बात की है। पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों का जिक्र करते हुए पवार ने मंगलवार को कहा कि किसी भी अन्य देश के किसी व्यक्ति द्वारा प्रधान मंत्री के खिलाफ ऐसी टिप्पणियां स्वीकार नहीं की जाएंगी। नरेंद्र मोदी हमारे देश के प्रधान मंत्री हैं और यदि किसी अन्य देश का कोई व्यक्ति, जो किसी भी पद पर है, हमारे प्रधान मंत्री पर ऐसी टिप्पणी करता है, तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। हमें प्रधान मंत्री के पद का सम्मान करना चाहिए। देश के बाहर से हम प्रधान मंत्री के खिलाफ कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे

दरअसल, मालदीव के युवा मंत्रालय में उप मंत्री मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महज़ूम माजिद ने पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर टिप्पणी की थी. इसके बाद मालदीव सरकार ने तीनों के बयानों से खुद को अलग करते हुए इन्हें मंत्री पद से निलंबित कर दिया है।

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Jan 09 2024, 14:56

भारत-पाकिस्तान को लेकर पूर्व उच्चायुक्त ने किए कई बड़े खुलासे, उरी से लेकर बालाकोट हमले और अभिनंदन की रिहाई तक का जिक्र

#former_high_commissioner_to_pakistan_ajay_bisaria_revealed_secret_in_his_book

अजय बिसारिया पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त रह चुके हैं। उनकी नई किताब आने वाली है, जिसमें उन्होंने कई दावे किए हैं।भारत के पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने अपनी नई किताब 'एंगर मैनेजमेंट: द ट्रब्ल्ड डिप्लोमेटिक रिलेशनशिप बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान' में कई खुलासे किए हैं। करीब 35 साल तक विदेश सेवा में रहने वाले बिसारिया ने अपनी किताब में स्वतंत्रता के बाद से भारत और पाकिस्तान के संबंधों के अनेक पहलुओं पर रोशनी डाली है। अजय बिसारिया ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को जवाब देने को लेकर अपनी राय व्यक्त की है। बिसारिया ने कहा कि अगर आप आज पीछे मुड़कर देखें, तो निश्चित रूप से 2008 में, भारत को यह जवाब देना चाहिए था जो उसने आखिरकार 2016 और 2019 में सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के साथ दिया। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि आतंकवाद और 1980 के दशक में पंजाब में भारत को जो पीड़ा सहनी पड़ी, उसे कम किया जा सकता था यदि भारत ने 90 के दशक की शुरुआत में कठोर शक्ति कार्रवाई की होती।

बिसारिया ने अपनी किताब ‘एंगर मैनेजमेंट: द ट्रबल्ड डिप्लोमेटिक रिलेशनशिप बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान’ में बालाकोट में भारत के हवाई हमले के दौरान का जिक्र किया है। उन्होंने कहा है कि कई देशों ने अपने विशेष राजदूत भेजने की पेशकश की थी, लेकिन इसकी कोई जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा, यहां तक कि चीन भी पीछे नहीं था। उसने सुझाव दिया था कि वह तनाव घटाने के लिए दोनों देशों में अपने उप मंत्री को भेज सकता है। भारत ने इस पेशकश को विनम्रतापूर्वक ठुकरा दिया था। उन्होंने लिखा है कि बालाकोट पर भारत के हवाई हमलों के एक दिन बाद अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस के राजदूतों को पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश सचिव तहमीना जांजुआ ने पाकिस्तान की सेना से मिले एक संदेश के बारे में सूचित किया था। बिसारिया ने यह भी लिखा है कि पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करना चाहते थे।

अभिनंदन को छुड़ाने के लिए भारत ने तान दी थीं मिसाइलें

बालाकोट हवाई हमले के समय इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त रहे बिसारिया ने अपनी किताब में यह भी लिखा है कि पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकी हमला हुआ था। इसका बदला लेने के लिए वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के अंदर 100 किलोमीटर तक घुसकर बालाकोट और पीओके के आतंकी ठिकानों पर कहर बरपा दिया था। भारतीय कार्रवाई से गुस्साया पाकिस्तान जवाब देने के लिए अगले ही दिन भारत में घुस गया और 27 फरवरी को आसमान में हुई जंग की चपेट में विंग कमांडर अभिनंदन का मिग-21 बायसन भी आ गया। दुश्मनों के खदेड़ते हुए मिग-21 बायसन में आग लग सकती थी। ऐसे में विंग कमांडर अभिनंदन ने पैराशूट से छलांग लगा दी, लेकिन वे जिस जमीन पर पहुंचे वे इलाका पीओके का था। पाकिस्तानी सेना ने अभिनंदन को पकड़ लिया था। भारत अपने विंग कमांडर अभिनंदन वर्द्धमान को वापस लाने के लिए वायु सेना का एक प्लेन पाकिस्तान भेजना चाह रहा था, लेकिन पड़ोसी देश ने अनुमति नहीं दी। भारत ने अपने वायुसेना के लड़ाकू पायलट अभिनंदन वर्धमान को छुड़ाने के लिए पाकिस्तान की ओर नौ मिसाइलों को तान दिया था, जिससे पड़ोसी देश की सांसे फूल गई थीं। 

इमरान खान पीएम मोदी को कर रहे थे बार-बार फोन

पूर्व उच्चायुक्त ने बताया कि भारतीय सेना की यह तैयारी देख कर पाकिस्तानी सेना और सरकार हिल गई। वह लड़ाई को आगे नहीं बढ़ाना चाहता था। तनाव कम करने की कोशिश में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के प्रधानमंत्री पीएम मोदी को कई बार फोन किया। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को समझ आ गया था कि अब उनके पास कोई और विकल्प नहीं है। इसलिए उन्हें पायलट को छोड़ने का फैसला लेना पड़ा था।